एयरपोर्ट-विमानों में 4600 से ज्यादा कीमती चीजें भूले यात्री; दूल्हे के जूते, कुकर, आर्मी यूनिफॉर्म तक शामिल

हवाई सफर करने वाले यात्री देशभर के एयरपोर्ट्स और विमानों में 4600 से ज्यादा करोड़ों रुपए का सामान छोड़कर भूल गए और लेने नहीं पहुंचे। अब तक एयरपोर्ट पर मिलने वाले सामानों में दूल्हे के जूते, वाइन की बोतल, प्रेशर कुकर, आर्मी यूनिफॉर्म और हथकड़ी सबसे यूनिक हैं। यह सामान एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के खोया-पाया विभाग में पड़ा है।

एएआई ने रिपोर्ट जारी कर इस बात की जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश के विभिन्न एयरपोर्ट्स पर 4689 सामान मिले हैं। यात्री एक जनवरी से अब तक यह सामान भूले हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि करीब 5 माह से देश में फ्लाइट्स का संचालन नहीं हुआ। इस कारण ज्यादातर सामान विदेशों से भारतीय लोगों को लाने वाली फ्लाइट्स में मिला। कोलकाता एयरपोर्ट के स्टाफ को लेदर जैकेट मिले।

गुवाहाटी के एयरपोर्ट पर आर्मी यूनिफॉर्म और सर्जिकल गाउन मिली

भुवनेश्वर में स्टाफ को दूल्हे के जूते मिले। चेन्नई एयरपोर्ट पर गिटार, सिगरेट, लेजर लाइट और हथकड़ी मिली। गुवाहाटी के एयरपोर्ट पर आर्मी यूनिफॉर्म और सर्जिकल गाउन मिली। सबसे ज्यादा पाए जाने वाले सामानों में मोबाइल, पावर बैंक, लैपटॉप, इयरफोन, कलाई घड़ी, ट्रिमर, पर्स, अंगूठी, पायल, बैडमिंटन, स्लीपिंग बैग और कार की चाबी जैसी चीजें शामिल हैं।

गाइडलाइन के मुताबिक 90 दिन में सामान की नीलामी होती है

एएआई की रिपोर्ट के मुताबिक, खराब हो जाने वाले सामानों के लिए 48 घंटे तक इंतजार किया जाता है। फिर उसका निस्तारण कर दिया जाता है। लेकिन बाकी सामानों के लिए 90 दिन तक इंतजार किया जाता है। यदि निश्चित समय में सामान का मालिक कोई क्लेम नहीं करता है तो उसकी नीलामी कर दी जाती है।

हालांकि, खोए हुए सामान पर दावा करने के लिए बोर्डिंग पास की कॉपी या यात्रा का सबूत जरूरी है। साथ ही जिस सामान पर दावा किया जा रहा है, उसकी जानकारी देनी होती है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
ज्यादातर सामान विदेशों से भारतीय लोगों को लाने वाली फ्लाइट्स में मिला है। (फाइल फोटो)


https://ift.tt/2EwOT00 from Dainik Bhaskar /national/news/airport-passengers-lost-more-than-4600-valuables-groom-shoes-cooker-army-uniform-included-127670468.html

टिप्पणियाँ

Popular post

तनाव और चिंता कम करने में थैरेपी का काम करती है जर्नल राइटिंग, बेहतर तरीके से सहेज सकेंगे यादें; मरने के बाद भी आपको जिंदा रखेगी लेखनी

स्किन 5 तरह की होती हैं, इसलिए अपनी त्वचा पहचानिए; जानिए उसे कैसे चमकदार बनाएं

सीएसई रिपोर्ट:स्मॉग केवल दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं, गंगा के मैदानों तक फैल चुका; 56 शहरों में वाहन-औद्योगिक प्रदूषण व पराली जलाने से खराब हाल